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यूं ही नहीं कर सकेंगे इंटरनेट बंद, आदेश को सार्वजनिक करेगी सरकार; हाईकोर्ट का निर्देश

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द फॉलोअप डेस्कः 
आजकल किसी भी तरह का तनाव या हिंसा होने पर सबसे पहले इंटरनेट सेवा ठप कर दी जाती है। कई मायनों में यह अच्छा होता है तो कई बार इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सरकार अचानक से इंटरनेट सेवा नहीं बंद कर सकेगी। इसके लिए पहले आधिकारिक आदेश सावर्जनिक करना होगा। इंटरनेट सेवा बंद करने से पहले उस आदेश को सरकार को संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ सरकार की वेबसाइट और अन्य माध्यमों में प्रकाशित करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर जो निर्देश जारी किया है, हाईकोर्ट ने भी उसका पालन करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की और याचिका निष्पादित कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब तक जितने भी इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया गया है उसे सरकार की वेबसाइट पर जारी किया जाए। 


सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया झारखंड सरकार ने
बता दें कि सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर इंडिया की ममता वर्मा ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि कि भाजपा नेता नुपूर शर्मा के बयान के बाद पिछले साल झारखंड सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट सेवा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया गया था। प्रार्थी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि सूचना के अधिकार के तहत सरकार से यह पूछा गया था कि इंटरनेस सेवा बंद करने के पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का का पालन किया गया या नहीं लेकिन सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ही याचिका दाखिल की गई। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि इंटरनेट सेवा अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं की जा सकती। कुछ समय के लिए इसे बंद कर सकते है। इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय अंतिम उपाय हो सकता है। इंटरनेट सेवा बंद करने से पहले इससे लोगों को अवगत कराना होगा। 

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